एक प्राचीन परंपरा ऐसी भी
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By अरुण कुमार द्विवेदी
Published - 31 March 2024 93 views
संवाददाता/अरुण कुमार द्विवेदी
कोटरा/ कस्बा कोटरा में एक प्राचीन मंदिर है जिसमें राधा कृष्ण एवं राम सीता लक्ष्मण की बहुत पुरानी अष्टधातु की प्रतिमाएं हैं जो की बिहारी जी मंदिर के नाम से विख्यात है इसके तत्वाधान में लगभग 100 वर्षों से अनवरत रामलीला होती आ रही है ऐसा ही एक और भी प्रसिद्ध मंदिर नरसिंह जी का है उसमें भी राम लक्ष्मण सीता की बहुत प्राचीन प्रतिमाएं हैं जो एक दूसरे के रिश्तेदार हैं बिहारी जी मंदिर के कृष्ण जी नरसिंह मंदिर की प्रतिमा श्री राम जी के साले साहब हैं यह कैसी रिश्तेदारी है इस बारे में आज हम चर्चा करेंगे जब इंटरनेट मीडिया के संवाददाता ने इस रिश्तेदारी के बारे में बुजुर्गों से पूछा तब उन्होंने बताया कि लगभग 120 वर्ष पहले की बात है बिहारी जी मंदिर पर एक पुजारी जी रहा करते थे जो की बिहारी जी बब्बा के अनन्य भक्त थे जो की नरसिंह मंदिर के पुजारी के सगे साले थे इन दोनों पुजारियों की रिश्तेदारी के कारण भक्तों ने तबसे आज भी आज भी वही रिश्ता इन दोनों मंदिरों की मूर्तियों का चला रखा है होली की रंग पंचमी को साले साहब अपने बहनोई के मंदिर जाकर उनसे होली खेलते हैं और उसके बाद वहां से दो विमानों में बिहारी बब्बा एवं नरसिंह बब्बा सम्मिलित होकर कस्बे में होली खेलते हुए अपने गंतव्य स्थान पर पहुंच जाते हैं इतने वर्षों बाद भी यह परंपरा आज भी जीवंत है आज रंग पंचमी की अवसर पर बिहारी जी मंदिर के पुजारी शिवकुमार दीक्षित (दद्दा )एवं नरसिंह मंदिर के पुजारी मुन्ना लाल पाठक ने एक दूसरे को गले लगाया और होली खेली इन दोनों पुजारियों के साथ भक्त मंडली कल्लू मोदी जितेंद्र अग्रवाल पवन राठौर रघुवीर सिंह गौर छत्रपाल नायक राजू पंचाल रामस्वरूप राठौर आयुष अग्रवाल रजनीश विश्वकर्मा संतु व्यास आदि भक्तों ने भी जमकर होली खेली और रंगों से एक दूसरे को सराबोर कर दिया
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